"à¤à¥‚à¤à¤¨à¥‚ .मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ ईडियन आई पी à¤à¤² टीम मे चयनित शà¥à¤°à¥€ कà¥à¤²à¤µà¤‚तसिह ने बातचीत में बताया कि घर की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ ठीक नहीं होने के कारण पिता हमेशा कहा करते थे कि कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ से पेट नहीं à¤à¤°à¤¨à¥‡ वाला। कोई नौकरी कर लो, लेकिन कà¥à¤²à¤µà¤‚ंत कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ का इस कदर दीवाना था कि उसे कà¥à¤› और करना सूà¤à¤¤à¤¾ नहीं था। 130 की सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से करता है गेंदबाजी कà¥à¤²à¤µà¤‚त गेंदबाज है। पहला 20-20 मैच पिछले साल मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ में खेला था, जिसमें लगà¤à¤— 130 की सà¥à¤ªà¥€à¤¡ से गेंदबाजी की व चार विकेट लिà¤à¥¤ कà¥à¤²à¤µà¤‚त के चयन पर चूड़ी अजीतगढ़ सरपंच अशोक सिंह शेखावत, चूड़ी चतरपà¥à¤°à¤¾ सरपंच गिरवरसिंह शेखावत, तेतरा निवासी मामा किशोर सिंह आदि ने खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मनाई। जनà¥à¤® 13 मारà¥à¤š 1992, चूड़ी अजीतगढ़, à¤à¥à¤‚à¤à¥à¤¨à¥‚ं पढ़ाई 10वीं तक की गांव के सरकारी सà¥à¤•à¥‚ल में हà¥à¤ˆà¥¤ 11वीं व 12वीं मंडावा के सà¥à¤•à¥‚ल और बीकॉम मà¥à¤•à¥à¤‚दगढ़ के कानोडिय़ा कॉलेज से की। मदद बेटे को दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ के लिठपिता हर माह हजारों रà¥à¤ªà¤ à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ थे। रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से पैसे उधार à¤à¥€ लेने पड़े। जà¥à¤¨à¥‚न यह कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जà¥à¤¨à¥‚न का ही नतीजा है कि कà¥à¤²à¤µà¤‚त ने बिना रणजी खेले ही आईपीà¤à¤² तक का सफर तय कर लिया। पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कà¥à¤²à¤µà¤‚त ने दो-तीन बार सेना à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ रैली में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया था, वहां सफल नहीं हो सका था।उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ से बातचीत में बताया कि घर की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ ठीक नहीं होने के कारण पिता हमेशा कहा करते थे कि कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ से पेट नहीं à¤à¤°à¤¨à¥‡ वाला। कोई नौकरी कर लो, लेकिन कà¥à¤²à¤µà¤‚ंत कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ का इस कदर दीवाना था कि उसे कà¥à¤› और करना सूà¤à¤¤à¤¾ नहीं था।"